रायपुर। मौजूदा रणजी ट्रॉफी में छतीसगढ़ और बंगाल के बीच रायपुर में हुए मुकाबले में मंगलवार को एक दिलचस्प तस्वीर सामने आई।
जब बंगाल की पहली पारी में 529 रनों के जवाब में रायपुर की टीम बल्लेबाजी करने उतरी। मेजबान टीम छतीसगढ़ के 9 विकेट 109 रन पर गिर चुके थे। इसी वक्त बंगाल के कप्तान मनोज तिवारी ने फैसला किया और सभी 9 फील्डर्स को स्लिप में खड़ा कर दिया, ताकि छतीसगढ़ का आखिरी विकेट जल्दी निकाला जा सके।
टेस्ट क्रिकेट में ऐसा कम ही देखने को मिलता है कि गेंदबाज और बल्लेबाजों को छोड़कर मैदान पर मौजूद 9 खिलाड़ी स्लिप में खड़े हों। कप्तान के इस फैसले का टीम को फायदा भी मिला और खाते में एक रन जुड़ने के बाद ही विकेट के पीछे छतीसगढ़ के दसवें विकेट के रुप में पंकज राव रिद्धिमान साहा के हाथों लपके गए।
इस तस्वीर ने ऑस्ट्रेलिया के ग्लेन मैक्ग्रा की याद दिला दी, जब उन्होंने जिम्बाव्बे के खिलाफ ऐसी ही फील्डिंग पोजिशन लगाई थी।
बंगाल के कप्तान मनोज तिवारी ने बताया कि स्लिप में 9 फील्डर्स को खड़ा करने के पीछे उनकी मंशा साफ थी कि किसी भी सूरत में बल्ले के बाहरी किनारे से निकली गेंद को विकेट के पीछे लपका जाए। इसलिए उन्होंने सभी 9 फील्डर्स को स्लिप में खड़ा कर दिया था।
इस मैच में पहली पारी में 110 रन जोड़ने के बाद फोलोऑन खेलने उतरी छतीसगढ़ के लिए दूसरी पारी भी अच्छी नहीं ऱही और पूरी टीम 259 रनों पर ढेर हो गई। एक वक्त दूसरी पारी में छतीसगढ़ का स्कोर पांच विकेट के नुकसान पर 229 रन था। मगर तीस रन के भीतर ही टीम ने आखिरी पांच विकेट तो गंवाए ही, साथ ही बंगाल के खिलाफ एक पारी और 160 रन से हार भी झेली।
बंगाल की तरफ से तेज गेंदबाज अशोक डिंडा ने मैच में दस विकेट झटके, वहीं मोहम्मद शमी के खाते में आठ विकेट आए।