भोपाल। प्रदेश के सरकारी और जिनी मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में पीजी कोर्स के लिए चल काउंसलिंग 31 मई को खत्म हो गई। आखिरी दिन होने के कारण बुधवार को शुरू हुए एडमिशन गुरुवार सुबह 5 बजे तक चले। काउंसलिंग में निजी कॉलेजों की 10 सीटें छोड़ सभी भर गईं हैं। पिछले साल इससे ज्यादा सीटें खाली रह गई थीं। निजी कॉलेजों की 96 सीटें इस साल नहीं भर पाई हैं। इसमें ज्यादातर नॉन क्लीनिकल विषयों की हैं।
31 मई को माप-अप राउंड के जरिए सीटें भरने के लिए काउंसलिंग की गई थी। इसमें उन सभी उम्मीदवारों को बुलाया गया था, जिन्हें अभी तक सीटें आवंटित नहीं हुई थीं। आखिरी काउंसलिंग में निजी व सरकारी मिलाकर 106 सीटें नहीं भर पाई हैं।
चिकित्सा शिक्षा संचालनालय के अफसरों ने बताया कि सरकारी कॉलेजों में जबलपुर मेडिकल कॉलेज की एनॉटमी की 5 व रीवा की 1 और एमजीएमसी इंदौर की नॉन क्लीनिकल विषय में चार सीटें खाली रह गई हैं। डिप्लोमा कोर्स सरकारी कॉलेजों में सभी सीटें भर गई हैं।
एमडीएस की 114 सीटें खाली
निजी डेंटल कॉलेजों में एमडीएस की इस साल 114 सीटें खाली रह गई हैं। अब इन सीटों के भरने की कोई उम्मीद नहीं है। निजी डेंटल कॉलेजों में एमडीएस की कुल 191 सीटें हैं।
निजी मेडिकल कॉलेजों में पीजी सीटें- 260
निजी डेंटल कॉलेजों में पीजी सीटें- 191
सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पीजी सीटें- 274
सरकारी डेंटल कॉलेज में पीजी सीटें- 5