सीएम योगी ने लखनऊ से शुरू किया सफाई अभियान, उठाई झाड़ू

लखनऊ। यूपी के गोंडा को स्वच्छता सर्वेक्षण में देश का सबसे गंदा शहर घोषित किया गया है जिसके बाद खुद सीएम ने सफाई को लेकर कदम उठाया है। योगी आदित्यनाथ शनिवार को झाड़ू लेकर लखनऊ के बालू अडडे पर पहुंचे और यहां की बस्ती में सफाई अभियान की शुरूआत की। योगी सुबह 7 बजे ही यहां पहुंच गए थे। इस दौरान सीएम ने पालीथीन पर प्रतिबंध लगाने को कहा। तथा पार्षदों को भी अपने इलाके को साफ करने को कहा।

इसके पहले कल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सफाई में उत्तर प्रदेश के फिसड्डी होने का ठीकरा पूर्व की सपा सरकार पर फोड़ा, वहीं तत्काल बाद बैठक करके इस दिशा में गंभीर कदम उठाने के निर्देश भी दिए।

उन्होंने कहा कि इस अभियान को जनांदोलन का रूप दिया जाएगा। अगले साल तक प्रदेश के 150 नगर ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) घोषित किए जाएंगे। शहरी इलाकों में कूड़ा प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जाए। जिसकी शुरुआत खुद योगी ने आज लखनऊ से कर दी है।

स्वच्छ भारत मिशन के तहत एक दिन पहले ही स्वच्छता सर्वेक्षण के आधार पर देश के 434 शहरों की रैंकिंग में प्रदेश के शहरों के फिसड्डी रहने के लिए मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में स्पष्ट तौर पर पूर्व की अखिलेश सरकार की उदासीनता को जिम्मेदार ठहराया। इस संबंध में शुक्रवार को नायडू के साथ समीक्षा बैठक के तत्काल बाद मुख्यमंत्री ने स्वच्छ भारत मिशन पर अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगियों के साथ विचार-विमर्श किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश का कोई भी नगर ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) नहीं हैं। लक्ष्य की तुलना में मात्र आठ प्रतिशत शौचालय ही निर्मित हुए हैं। ओडीएफ हेतु निर्धारित धनराशि का मात्र 21 प्रतिशत ही खर्च हुआ है।

योगी ने कहा कि प्रभारी मंत्री का यह दायित्व होगा कि अपने जिले में भ्रमण के दौरान वहां की मलिन बस्तियों का भी निरीक्षण करें। पॉलीथिन तथा प्लास्टिक का उपयोग बन्द किया जाए। शादी-विवाह आदि आयोजनों में इस्तेमाल के बाद प्लास्टिक आदि की प्लेट एवं अन्य बर्तनों को नालियों में फेंकने की प्रवृत्ति को तत्काल बंद कराया जाए। इस व्यवस्था का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाया जाए। राज्य सरकार का यह प्रयास होगा कि देश के सबसे अधिक स्वच्छ 100 नगरों में से 50 नगर उत्तर प्रदेश के हों। प्रथम चरण में 30 जिलों को ओडीएफ घोषित कराने के लिए कार्रवाई की जाए।

द्वितीय चरण में 44 जनपदों को शामिल किया जाए। इस अभियान में उन्होंने स्वयंसेवी संगठनों के साथ-साथ कॉरपोरेट जगत का भी सहयोग लेने को कहा। साथ ही रेल पटरियों के किनारे आबादी क्षेत्रों में सामुदायिक शौचालयों के निर्माण पर भी बल दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में गंगा नदी के किनारे बसे 1685 गांवों को 15 मई, 2017 तक ओडीएफ घोषित किया जाना है। गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाने में यह एक महत्वपूर्ण योगदान होगा। बैठक में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डॉ. दिनेश शर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

Recommended For You

About the Author: india vani