नेताओं,अफसरों ने निकाल ही लिया लाल बत्ती का नया तोड़

नई दिल्ली ।मोदी सरकार ने लालबत्ती के इस्तेमाल पर रोक लगा दी। सरकार का फैसला सोमवार यानी 1 मई से लागू भी हो गया। लेकिन अभी भी कुछ नेता हैं जो अपनी ठाठ छोड़ने को राजी नहीं हैंऔर उनके दिलों दिमाग पर लाल बत्ती मानसिकता की हनक अभी गई नहीँ है। कई नेताओं ने तो इसकी काट भी निकाल ली है। इतना ही कुछ ने तो अपनी गाड़ी में पोस्ट के साथ नेम प्लेट भी लगा लिया है।

एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक कई राज्यों में नेताओं ने नया जुगाड़ करते हुए इस नए नियम को तोड़ ढूंढ़ लिया है। लाल बत्ती पर बैन के बाद नेताओं ने अब अपनी गाड़ियों पर साइरन (हूटर) का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। मध्य प्रदेश और तेलंगाना में तो इसकी शुरुआत भी हो गई है। इसमें सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि गाड़ियों में हूटर लगाना नियमों के खिलाफ है। ितना ही नहीं यह आम लोगों के लिए खासी परेशानी बन सकता है।

मध्य प्रदेश में कुछ नेताओं ने बेमन से मुख्यमंत्री को फॉलो करते हुए अपनी गाड़ी से लाल बत्ती तो हटा दी, पर अपनी गाड़ियों में हूटर लगवा लिए, जबकि केंद्रीय मोटर वाहन नियम किसी भी वाहन को ऐसा करने की इजाजत नहीं देते। इसके सेक्शन 119 में सिर्फ ऐम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड, कंस्ट्रक्शन के उपकरण ले जाने वाले वाहनों और पुलिस को इसके इस्तेमाल की इजाजत है। इनके अलावा कोई और अपनी कार में हूटर लगाता है तो उस पर 5000 रुपये जुर्माना लगाया जा सकता है।

लाल बत्ती पर रोक लगने से खुश आम लोगों को अब हूटर की आवाज से खासी परेशानी हो रही है। एक स्थानीय नागरिक विनीत शर्मा ने कहा, ‘लाल बत्ती तो गई पर हूटर और साइरन का क्या? जब तेज आवाज में हूटर बजाती हुई कार हमारे आसपास से निकलती है तो बहुत चिढ़ पैदा होती है। इमर्जेंसी वाहनों के अलावा साइरन किसी गाड़ी पर नहीं होना चाहिए, इससे सिर्फ ध्वनि प्रदूषण बढ़ता है।’

हैदराबाद का हाल भी कुछ ऐसा ही है। यहां भी लोग साइरन की आवाज से परेशान हो रहे हैं। महाराष्ट्र की बात की जाए तो वहां के नेता भी कोई ऐसा रास्ता खोजने में जुटे हैं जिससे नए नियम का उल्लंघन भी न हो और उनके वीआईपी वाले ठाठ भी बने रहें।

Recommended For You

About the Author: india vani